MP में 5 महीने में 80 हजार कारें बिकीं:SUV की डिमांड ज्यादा; जानिए आपके बजट की कार के बारे में

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मध्यप्रदेश में कार मार्केट में 40% की ग्रोथ हुई है। सालभर में लोगों ने SUV सेगमेंट की कारें ज्यादा खरीदी हैं। 60 से 70 लाख रुपए कीमत तक की मर्सिडीज की डिमांड भी अचानक से बढ़ गई है।

जानकार कहते हैं- कारों की बिक्री इसलिए बढ़ी, क्योंकि कंपनियों ने मार्केट की जरूरत के अनुसार इस सेगमेंट में पहले की अपेक्षा में सस्ती कारें उतारकर लोगों को अपनी और खींचा है। इससे मार्केट में बूम आया है। मध्यप्रदेश में हर महीने आरामदायक सफर के लिए 20 से ज्यादा लोग पैसा खर्च कर रहे हैं।


फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफडीए) मध्यप्रदेश के चेयरपर्सन आशीष पांडे ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में फोर व्हीलर सेगमेंट में ग्रोथ की चार वजह बताई हैं,

इस साल 26 हजार ज्यादा कारें बिकीं

एफडीए के चेयरपर्सन आशीष पांडे ने बताया कि इस बार कारों की बिक्री काफी बढ़ गई है। पिछले साल 2021 में 1 अप्रैल से 30 सितंबर 21 तक प्रदेश में 55 हजार 6 कार सेल हुई थीं, लेकिन इस साल 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2022 तक 80 हजार 951 हजार कार बिक चुकी हैं। यह पिछले साल की तुलना में करीब 26 हजार ज्यादा हैं। अपर परिवहन आयुक्‍त अरविंद सक्सेना ने बताया कि इस साल 1 सितंबर से 31 अक्टूबर तक 1 लाख 7 हजार 478 कार आरटीओ में रजिस्टर्ड हो चुकी हैं। मध्यप्रदेश में कार सेगमेंट में पॉजिटिव ग्रोथ हुई है।

टू व्हीलर्स में 20 से 25% की ग्रोथ

कोरोना के कारण मध्यप्रदेश में दोपहिया वाहन की बिक्री पर असर पड़ा था। साल 2019-20 में दोपहिया का मार्केट 1 लाख 20 हजार से ज्यादा था, बीते दो साल में यह एक लाख से भी नीचे आ गया। इस साल 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक साढ़े 6 लाख दो पहिया वाहन बिक चुके हैं। पांडे बताते हैं कि दो पहिया में 20% से ज्यादा ग्रोथ होगी। अभी शादी और फसलों के आने के बाद इस सेक्टर में भी ग्रोथ होने की उम्मीद है। अभी 5 महीने का समय है।

सेडान कार

सेडान कार में डिग्गी के लिए अलग स्पेस बनाया जाता है, जिसे लगेज स्पेस भी कहते हैं। यह लगेज स्पेस पैसेंजर स्पेस से अलग होता है और हैचबैक की तरह इसमें शामिल नहीं होता। सेडान कार में चार ही दरवाजे होते हैं, जिससे लोग कार में बैठ सकते हैं। इसमें पिछले वाला गेट लगेज स्पेस के लिए अलग से होता है। डिक्की के गेट से कार में नहीं घुसा जा सकता है, लेकिन हैचबैक में ऐसा किया जा सकता है। अगर गाड़ी का पिछला हिस्सा जिसे ट्रंक या डिक्की कहा जाता है, लंबा हो और विंडस्क्रीन और बूट लिड (ढक्कन) अलग हो तो उसे सेडान या सलून कहा जाता है। इसमें यात्री केबिन और बूट अलग-अलग होते हैं।

एमपीवी (मल्टी पर्पज व्हीकल)

एमपीवी गाड़ियों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है। इनमें काफी स्पेस होता है, जिसमें ज्यादा लोग एक साथ बैठ सकते हैं। काफी सारा सामान भी रखा जा सकता है। टोयोटा इनोवा ने सालों पहले साबित कर दिया था कि एमपीवी को टैक्सी से ज्यादा भी समझ सकते हैं। इनोवा के बाद ही बाकी कंपनियों ने एमपीवी के बेहतरीन मॉडल पेश किए। हाल ही में मार्केट में उतरी रेनो लॉजी इस सेगमेंट की सबसे पावरफुल कार मानी जा रही है। इस सेगमेंट की कुछ बेहतरीन फैमिली कार के बारे में बताया है। इसमें इनोवा अब भी सबसे प्रीमियम है।SUV कार

SUV का फुल फॉर्म स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स होता है। यह कार विशेष रूप से स्पोर्ट्स कार को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाती है। SUV कार की खासियत यह होती है की इस कार को हम रफ सरफेस पर भी चला सकते हैं। इस कार को लॉन्ग ड्राइव और ज्यादा कम्फर्ट को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है। बहुत से देशों में SUV कार को जीप और लैंडरोवर कार के नाम से भी जाना जाता है। SUV कार अन्य कारों की तुलना में थोड़ी महंगी होती है।

इंदौर में सुपर स्पोर्ट्स व लग्जरी कारों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को इंदौर में ऑडी ने सेंट्रल इंडिया की पहली सुपर इलेक्ट्रिक कार ऑडी आरएस ईट्रान जीटी की डिलीवरी दी है। यह कार स्पेशल ऑर्डर पर 5 माह में तैयार हो कर जर्मनी से इंदौर आई है। कार को शहर के एक बिल्डर ने 2 करोड़ 35 लाख रुपए में खरीदा हैं। खास बात यह है कि कार की बैटरी चार्ज करने में लगभग 700 रुपए की बिजली लगती है। इसमें यह करीब 500 किलोमीटर तक चल सकेगी। यानी महज डेढ़ रुपए के खर्च में एक किलोमीटर का सफर तय होगा

पीथमपुर में दुनिया के 5वें सबसे बड़े हाई स्पीड सुपर कार टेस्टिंग ट्रैक पर कंपनी और उनके प्रतिनिधि कारों की स्पीड का ट्रायल लेने पहुंच रहे हैं। ट्रैक पर हाल ही में देश में लांच हुई 2.63 करोड़ की मर्सिडीज एएमजी जीटी को दौड़ाया गया। इस कार ने मात्र 3.89 सेकंड में ही 100 की स्पीड पकड़ ली।

इसके बाद 10.99 सेकंड में 385 मीटर दौड़ने के बाद 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार केवल 33 सेकंड में हासिल कर ली। इतनी देर में कार ने दो किमी का रास्ता भी पार कर लिया। इस रफ्तार के मायने हैं कि यदि इंदौर से भोपाल तक यह ट्रैक और सुपर कार हो तो 50 मिनट से भी कम समय में भोपाल पहुंचा जा सकता है। राजधानी में पहली बार सुपरकार क्लब ने सिटी राइड की। 6 सेकंड में 100 किमी तक पिक करने वाली सुपरकार को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा होने लगी। राइड में 1 करोड़ की Porsche, BMW की मिनी कूपर और Mercedes की सुपरकार शामिल थी। आखिर सुपरकार क्लब क्या है? ऐसा पहली बार देखा गया की शहर की गिनी चुनी सुपर कार एक साथ सिटी राइड के लिए निकली। क्लब के फाउंडर सरवर खान और डॉनल्ड जेम्स ने बताया की भोपाल के लिए हम काफी समय से इस तरह का क्लब प्लान कर रहे थे। इंदौर में भी यह पहले से है। हालांकि अभी कुछ ही महीने हुए हैं और भोपाल में काफी अच्छा रेस्पॉन्स देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि यंगस्टर से लेकर एडल्ट सभी को सुपर कार का क्रेज तो होता ही है। तो यह एक कम्युनिटी क्रिएट करने की तैयारी है।